राजस्थान थर्ड ग्रेड प्रमोशन: राजस्थान के थर्ड ग्रेड शिक्षकों के लिए बड़ी खबर आ रही है। पिछले 5 साल से अटकी थर्ड ग्रेड से सेकेंड ग्रेड पदोन्नति का मामला अब अपने अंतिम दौर में पहुंच सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने इस केस की अगली सुनवाई की तारीख 10 सितंबर तय की है और सभी पक्षों को नोटिस जारी कर उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं।
शिक्षक संगठन मान रहे हैं कि इस दिन अदालत अंतिम फैसला सुना सकती है, जिससे हजारों शिक्षकों की प्रमोशन की राह साफ हो जाएगी।

क्या है पूरा विवाद?
साल 2021 में शिक्षा विभाग ने पदोन्नति के नियम बदल दिए थे। नए नियमों के अनुसार, अब केवल उसी विषय में डिग्री रखने वाले शिक्षकों को प्रमोशन के लिए पात्र माना गया। जिन शिक्षकों के पास ‘एडिशनल विषय’ की डिग्री थी, उन्हें पात्रता सूची से हटा दिया गया।
पहले 2020-21 तक एडिशनल विषय वाले शिक्षक भी प्रमोशन पाते थे, लेकिन 2022 की डीपीसी में इन्हें बाहर रखा गया। इस फैसले के खिलाफ शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें कोर्ट ने एडिशनल विषय वालों को भी पात्र मानते हुए प्रमोशन का आदेश दिया। हालांकि, सरकार ने इस आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
कितने पदों पर है असर?
साल 2022-23 से 2024-25 तक करीब 19,372 पदों पर पदोन्नति होनी थी। 2025-26 के नए पद जोड़ने पर यह संख्या लगभग 25,000 हो जाती है।
अभी के हालात देखें तो 40,000 से ज्यादा वरिष्ठ अध्यापक के पद खाली हैं। इतने पद खाली रहने से कक्षा 9वीं और 10वीं के छात्रों को विषय अध्यापक नहीं मिल पा रहे हैं, जिससे पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है।
वरिष्ठ अध्यापक के विषयवार पद एक समान नहीं होते। जिन विषयों में पद कम होते हैं, जैसे वाणिज्य या कला, उनके शिक्षक प्रमोशन की संभावना बढ़ाने के लिए हिंदी, अंग्रेजी या संस्कृत जैसे विषयों में पत्राचार से एडिशनल डिग्री हासिल करते हैं।