SIR Rajasthan 2025: राजस्थान में निर्वाचन विभाग ने एक नई पहल की शुरुआत की है, जिसे SIR यानी Special Intensive Revision कहा जा रहा है। इस विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया के तहत राज्य के सभी मतदाताओं को एक निर्धारित परिगणना फॉर्म भरना अनिवार्य किया गया है। अगर कोई मतदाता यह फॉर्म भरने में विफल रहता है, तो उसका नाम मतदाता सूची से हटाया जा सकता है।
मतदाता सूची को पारदर्शी बनाने की तैयारी
निर्वाचन विभाग का कहना है कि इस प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची को अधिक सटीक, साफ और पारदर्शी बनाना है। इस प्रक्रिया से न सिर्फ फर्जी वोटरों की पहचान होगी, बल्कि जिन लोगों की मृत्यु हो चुकी है या जिन्होंने स्थानांतरण कर लिया है, उनके नाम भी सूची से हटाए जा सकेंगे। इसके अलावा जिन मतदाताओं का नाम एक से अधिक जगह पर दर्ज है, उन्हें भी सूची से हटाने की तैयारी है।
दस्तावेज और फोटो होंगे अनिवार्य
फॉर्म भरते समय हर मतदाता को दो रंगीन पासपोर्ट साइज फोटो जमा करने होंगे, जिनका बैकग्राउंड सफेद होना चाहिए। इसके अलावा दस्तावेज भी जरूरी होंगे, जिनसे मतदाता की पहचान, जन्म तिथि और निवास का प्रमाण मिल सके। हर श्रेणी के मतदाता के लिए दस्तावेज अलग-अलग निर्धारित किए गए हैं, जो BLO द्वारा बताए जाएंगे।
उम्र के अनुसार तय की गई दस्तावेजों की जरूरत
निर्वाचन आयोग ने तीन श्रेणियों में दस्तावेजों की जरूरत निर्धारित की है। जिन लोगों का जन्म 1 जुलाई 1987 से पहले हुआ है, उन्हें कम दस्तावेज देने होंगे। 1987 से 2004 के बीच जन्मे लोगों को स्वयं के साथ माता-पिता के दस्तावेज देने होंगे। वहीं, 2 दिसंबर 2004 के बाद जन्मे युवाओं को तीनों — स्वयं, माता और पिता — के दस्तावेज देने होंगे। इस तरह आयोग यह सुनिश्चित करना चाहता है कि हर नाम सही और वास्तविक मतदाता का ही हो।
BLO से मिलेगा फॉर्म, समय पर करें जमा
बीएलओ यानी बूथ लेवल ऑफिसर गांवों और शहरों में जाकर मतदाताओं को यह परिगणना फॉर्म देंगे। मतदाताओं को इसे सही तरीके से भरकर सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ तय समय सीमा में वापस देना होगा। इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही या देरी मतदाता सूची से नाम हटाने का कारण बन सकती है।